सवानेह हयात
हज़रत मीरान जी सैय्यद शाह भीख हज़रत मीरान जी सैय्यद शाह भीख शैखे वक़्त और क़ुतबे जमान थे हसब व नसब – आप का नसब नामा पिदरी कई वास्तो से हज़रत सैय्यद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पर मुन्तही होता हैं पस आप हुसैनी हैं आप का सिलसिला मादरी हजरत जैद लश्कर से जा मिलता हैं वालिद माजिद – आप के वालिद का नाम सैय्यद युसुफ हैं वालिदा- आप की वालिदा का नाम बी बी मलको हैं विलादत- आप 7 रजब 1046 हिजरी को पैदा हुए नाम- आप का नाम मुहम्मद सईद हैं कुन्नियत- आप की कुन्नियत “मीरान सैय्यद भीख” हैं और आप इसी कुन्नियत से मशहूर हैं बैयत व खिलाफत- आप सिलसिला साबरिया के मशहूर बुर्जुग कुतबे रब्बानी मजहरे हक्कानी हजरत शाह अबुल माली अम्बेठवी रदियल्लाहु अन्हु के मुरीद और खलीफा हैं खुलाफा- आप के 42 खलीफा थे आप के मशहूर खलीफा हसब जैल हैं 1- शाह मुहम्मद बाकर 2- शाह निजामुऊददीन 3- सैय्यद मुहम्मद सालिम तिर्मिजी रोपड़ी 4- सैय्यद फाजिल 5- सैय्यद अब्दुल मोमिन 6- शैख नेमातुल्ला 7- मियाँ शाह औरन्ग 8- ख्वाजा मुजफ्फर 9- मियाँ अफजल 10- शाह लुत्फुल्लाह जालन्धरी सीरत- आप अपने वक्त के कुतुब थे इबादत रियाजत और मुजाहिदाह में मशगूल रहते थे नजराना जो आता इसमें से खादिमों के खर्च के वास्ते निकाल कर बाकी अपने पीरो-मुर्शिद को पेश करते आप का लगंर आम था कश्फो – करामात:– हजरत मीरान सैय्यद भीख सरकार से कई करामाते जाहिर हुई आपकी कुछ करामाते यह हैं– (1) आपका कश्फ़– एक दिन आपके पीरो-मुर्शिद अम्बेठा शरीफ में दाड़ी में कन्घा कर रहे थे उन की दाड़ी का मुए मुबारक टूट कर जमीन पर गिरा इस को आप ने जाए- क्याम कहड़ाम में ही देख लिया और अपनी कुवते परवाजे रुहानी से खिदमत अक्दस पीरो मुर्शिद में हाजिर हो कर वो मुए-मुबारक उठा कर हजरत शाह अबुल माली को पेश किया (2)मरे हुए लड़के को जिन्दा करना :- आप का एक मुरीद मौजा नुन्धन में रहता था– इस का एक लड़का था जिस की उम्र दस साल की थी– एक दिन उस लड़के का इन्तेकाल हो गया– इतफाक से इसी दिन आप इस मौजा में रौनक अफरोज हुए– उस मुरीद को जब ये मालूम हुआ– आप को अपने घर लाया और लड़के की लाश को एक कोठरी में बन्द कर दिया– जब आप के सामने खाना लाया गया तो आपने खाने से इन्कार किया और फरमाया– जब तक इस का लड़का ना आएगा और खाना ना खाएगा– आप भी खाना नहीं खाएगे– मुरीद ने बहाना किया और अर्ज किया कि लड़का कहीं खेलता होगा मालूम नहीं कब आए– इस का इन्तेजार बेकार हैं – आपने फरमाया कि वो जब भी आएगा तब हीं खाना खाएगें- अब इस मुरीद ने मजबूर हो कर अर्ज किया कि – ” लड़का आपके आने से दो साअत पहले मर गया “- इस की लाश कोठरी में रखी हैं “- आपने फरमाया लड़का मरा नहीं हैं जाकर देखो – अगर सोता हो तो जगा कर लाओ “ वो शख्स जब कोठरी में गया तो देखा कि लड़का साँस लेता हैं – उसको हिलाया – वो उठ बैठा और अपने बाप के साथ बाहर आकर आप का कदम बोस हुआ -- (3) आपके पीरो-मुर्शिद के हुजरे की छत खराब हो गई – सब मुरीदों ने छत की मरम्मत की लेकिन छत ठीक नहीं हुई – आपके पीरो-मुर्शिद ने मुश्कुरा कर फरमाया कि ” मीरान जी से छत दुरूस्त होगी “ आप उस जमाने में चिल्ला में थे – आपको बुलाया गया – आप चिल्ला से बाहर आए और छत दुरुस्त करने में मशरुफ हुए – आपने घास ऊखाड़ी – फिर मिट्टी और पानी डालकर छत को कुटना शुरू किया जितनी बार कुटते थे हर बार हर जर्ब पर एक मकाम जाहिर होता था – वफ़ात – आपका विशाल 5 रमजान सन् 1131 हिजरी को हुआ आपका मज़ार मौजा कहड़ाम जिला पटियाला में हैं कहड़ाम का नाम अब बदलकर घड़ाम हो गया हैं |
|